क्लोरीन-उत्प्रेरित ओजोन रिक्तिकरण गैस प्रावस्था में हो सकता है, लेकिन यह ध्रुवीय समताप मंडलीय बादल (
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किसी पदार्थ के क्रांतिक बिन्दु से कम ताप पर उस पदार्थ के गैस प्रावस्था को उस पदार्थ का वाष्प (
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एक अन्य क्लोरीन परमाणु और दो ऑक्सीजन अणु बना देती है. इस गैस प्रावस्था क्रिया के लिए रासायनिक अभिक्रिया निम्नानुसार है:
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पर पहुंच जाता है तो तरल और गैस प्रावस्था एक समरूप द्रव प्रावस्था में मिल जाती हैं, जब गैस और तरल, दोनों के गुण मौजूद होते हैं.
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क्लोरीन-उत्प्रेरित ओजोन रिक्तिकरण गैस प्रावस्था में हो सकता है, लेकिन यह ध्रुवीय समताप मंडलीय बादल (polar stratospheric cloud)s (PSCs) की उपस्थिति में नाटकीय रूप से बढ़ जाता है.
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क्लोरीन मोनोऑक्साइड (यानी ClO)ओजोन के दूसरे अणु के साथ क्रिया करके (अर्थात O) एक अन्य क्लोरीन परमाणु और दो ऑक्सीजन अणु बना देती है.इस गैस प्रावस्था क्रिया के लिए रासायनिक अभिक्रिया निम्नानुसार है:
7.
जब जल एक विशेष सूक्ष्म तापमान और एक विशेष सूक्ष्म दबाव (647 K और 22.064 MPa) पर पहुंच जाता है तो तरल और गैस प्रावस्था एक समरूप द्रव प्रावस्था में मिल जाती हैं, जब गैस और तरल, दोनों के गुण मौजूद होते हैं.